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पूजा से पहले आचमन क्यों किया जाता है ?

पहले आचमन से ऋग्वेद, दूसरे से यजुर्वेद तथा तीसरे से सामवेद की तृप्ति होती है । आचमन से जो जल चूकर गिरता है, उससे नाग-यक्ष आदि तृप्त होते हैं ।

विभिन्न देवताओं के प्रिय पुष्प

जानें, किस देव को हैं कौन से पुष्प प्रिय ?

श्रीगणेश की 5 मिनट की संक्षिप्त पूजा विधि

तैंतीस करोड़ देवताओं में सबसे विलक्षण और सबके आराध्य श्रीगणेश आनन्द और मंगल देने वाले, कृपा और विद्या के सागर, बुद्धि देने वाले, सिद्धियों के भण्डार और सब विघ्नों के नाशक हैं । अत: अपना कल्याण चाहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन उनका स्मरण व अर्चन अवश्य करना चाहिए ।

चिन्ता, क्लेश, भय दूर करने वाला क्लेशहर स्तोत्र

भगवान श्रीकृष्ण के इस नामरूपी अमृत वाले स्तोत्रका श्रद्धापूर्वक पाठ करने से मनुष्य के दोषों और क्लेशों का नाश होकर पुण्य और भक्ति की प्राप्ति होती है । निष्काम भाव से यदि इस स्तोत्र का पाठ किया जाए तो मनुष्य मोक्ष का अधिकारी होता है ।

शरीर, मन और आत्मा के कायाकल्प के लिए कल्पवास

ऐसी मान्यता है कि जो संकल्प कर कल्पवास करता है वह अगले जन्म में राजा के रूप में जन्म लेता है ।

सुख-समृद्धि देने वाले पांच देवता

यदि पंचायतन में देवों को अपने स्थान पर न रखकर दूसरी जगह स्थापित कर दिया जाता है तो वह साधक के दु:ख, शोक और भय का कारण बन जाता है ।

वायुरोगों की रामबाण औषधि हैं हनुमान-मन्त्र

पवनपुत्र होने के कारण हनुमानजी का वायु से गहरा सम्बन्ध है । इसलिए हनुमानजी की आराधना से वायुरोगों का नाश होता है ।

अक्षय तृतीया पर करें इन चीजों का दान

अत्यन्त पवित्र तिथि अक्षय तृतीया को हुए भगवान विष्णु के तीन अवतारों के लिए इस दिन विशेष भोग अर्पित किया जाता है और साल में केवल एक ही दिन भगवान विष्णु की अक्षत से पूजा की जाती है । सामान्य दिनों में भगवान विष्णु की पूजा में अक्षत का प्रयोग नहीं किया जाता है ।

सुख और सौभाग्य देती है शिवप्रिया पार्वती की पूजा

देवी के आठ नाम देते हैं सौभाग्य का वरदान, सौभाग्य व आरोग्य प्राप्ति का मन्त्र, दाम्पत्य जीवन की बाधाओं को दूर करने के लिए मन्त्र

शनिदेव की दृष्टि में कौन-से कार्य हैं अपराध

‘जाको प्रभु दारुण दु:ख देहीं, ताकी मति पहले हरि लेहीं’ जिस व्यक्ति को शनिदेव को दण्ड देना होता है, पहले उसकी बुद्धि हर लेते हैं।