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नवग्रह : मन्त्र और व्रत-विधि
जन्मकुण्डली के प्रतिकूल ग्रहों को अनुकूल करना बहुत आवश्यक है । इसके लिए शास्त्रों में नवग्रह उपासना का विधान बताया है जिसमें रत्न और यंत्र धारण करना, व्रत और जप करना व विभिन्न औषधियों के स्नान आदि उपाय बताए गए हैं । नवग्रहों की पीड़ा निवारण में व्रत-नियम शीघ्र ही फल देने वाले हैं ।
मोदकप्रिय मुद मंगलदाता श्रीगणेश
श्रीगणेश का चतुर्थी तिथि में जन्म लेने का क्या कारण है? गणेश चतुर्थी पर कैसे करें श्रीगणेश को प्रसन्न ?
दस प्रकार के पापों से मुक्ति का पर्व गंगा दशहरा
दशहरे के दिन मनुष्य को गंगाजी की दस प्रकार के फूलों, दस प्रकार की गन्ध, दस प्रकार के नैवेद्य (भोग), दस ताम्बूल और दस दीपों से पूजा करनी चाहिए । इसके बाद इस मन्त्र की एक माला करनी चाहिए ।
अक्षय तृतीया पर करें इन चीजों का दान
अत्यन्त पवित्र तिथि अक्षय तृतीया को हुए भगवान विष्णु के तीन अवतारों के लिए इस दिन विशेष भोग अर्पित किया जाता है और साल में केवल एक ही दिन भगवान विष्णु की अक्षत से पूजा की जाती है । सामान्य दिनों में भगवान विष्णु की पूजा में अक्षत का प्रयोग नहीं किया जाता है ।
हनुमानजी की पूजाविधि और सिद्ध मन्त्र
हनुमानजी को किस समय किस वस्तु का नैवेद्य लगाना चाहिए