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भगवान शंकर का प्रिय वाहन नन्दी
रावण की उपहासपूर्ण बातें सुनकर नन्दी ने उसे शाप देते हुए कहा--’सारे संसार को रुलाने वाले रावण ! मैं तुझे श्राप देता हूँ कि जब कोई तपस्वी श्रेष्ठ मानव वानरों के साथ मुझे आगे करके तुम पर आक्रमण करेगा, तब तुम्हारी मृत्यु निश्चित है । तुम्हारे ये सब सिर भूमि पर कट-कट कर धूल धूसरित हो जाएंगे ।’
शिवालय और शिव के विभिन्न प्रतीकों का क्या है रहस्य ?
प्राय: सभी शिव-मन्दिरों में प्रवेश करते ही सबसे पहले नन्दी के दर्शन होते हैं । उसके बाद कच्छप (कछुआ), गणेश, हनुमान, जलधारा, नाग आदि सभी शिव-मन्दिरों में विराजित रहते हैं । भगवान के इन प्रतीकों में बड़ा ही सूक्ष्म-भाव व गूढ़ ज्ञान छिपा है।