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श्रीगणेश का वाहन मूषक

श्रीगणेश मूषकवाहन व मूषक-चिह्न की ध्वजा वाले हैं। श्रीगणेश का शरीर विशालकाय है किन्तु उनका वाहन मूषक बहुत छोटा होता है। ऊपरी तौर पर यह बात देखने में बहुत हास्यास्पद लगती है पर इसका बहुत गहन अर्थ है। श्रीगणेश परमब्रह्म की ज्ञानमयी व वांग्यमयी शक्ति का रूप हैं। परमात्मा न तो हल्का है न भारी। वह अणु से भी अणु हैं और महान से भी महान हैं। उसका सभी शरीरों में वास है। प्रत्येक देवता के वाहन-आयुध आदि देवता का ही तेजरूप होता है।

श्रीगणेश साक्षात् श्रीकृष्ण का ही स्वरूप

पार्वतीजी सोचने लगीं--‘मैंने यह कैसी मूर्खता की, पुत्र के लिए एक वर्ष तक पुण्यक व्रत करने में इतना कष्ट भोगा पर फल क्या मिला? पुत्र तो मिला ही नहीं, पति को भी खो बैठी। अब पति के बिना पुत्र कैसे होगा?’ इसी बीच सभी देवताओं व पार्वतीजी ने आकाश से उतरते हुए एक तेज:पुंज को देखा। उस तेज:पुंज को देखकर सभी की आंखें मुंद गयीं। किन्तु पार्वतीजी ने उस तेज:पुंज में पीताम्बरधारी भगवान श्रीकृष्ण को देखा।

श्रीगणपति अथर्वशीर्ष : मन-मस्तिष्क को शांत रखने की विद्या

अथर्वशीर्ष शब्द में अ+थर्व+शीर्ष इन शब्दों का समावेश है। ‘अ’ अर्थात् अभाव, ‘थर्व’ अर्थात् चंचल एवं ‘शीर्ष’ अर्थात् मस्तिष्क--चंचलता रहित मस्तिष्क अर्थात् शांत मस्तिष्क। गणपति अथर्वशीर्ष मन-मस्तिष्क को शांत रखने की विद्या है।

विघ्न नाश के लिए सिद्धिविनायक स्तुति

विघ्नहर्ता श्रीगणेश की कृपा प्राप्त करने के लिए सुन्दर स्तुति : ‘विघ्नं ममापहर सिद्धिविनायक त्वम्’

भाव, भक्ति एवं भजनपूरित एक वर्ष

जहाँ देखो वहाँ मौजूद मेरा कृष्ण प्यारा है, उसी का सब है जल्वा, जो जहाँ में आशकारा है। गुनह बख्शो, रसाई दो, बसा लो अपने कदमों...

‘एकदन्त’ श्रीगणेश और भगवान विष्णु द्वारा वर्णित श्रीगणेश का नामाष्टक स्तोत्र

रेणुकानन्दन परशुराम द्वारा फरसे से श्रीगणेश का दांत काट देना और श्रीगणेश का ‘एकदन्त’ कहलाना। भगवान विष्णु द्वारा पार्वतीजी का क्रोध शान्त करते हुए श्रीगणेश का नामाष्टक स्तोत्र बताना।

भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी और अभिशप्त चन्द्र

भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को चन्द्रदर्शन निषेध क्यों है?

3 Ganesh Stuti for Ganesh Puja

(1) Ekadantaya Vakratundaya by Shankar Mahadevan (2) Gananayaka Ashtakam (3) Shree Ganesh Chalisa by Anup Jalota

श्रीगणेश : कुछ रोचक तथ्य

क्या है श्रीगणेश के विभिन्न अंगों और चढ़ायी जाने वाली वस्तुओं का रहस्य?