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भगवान श्रीराम का सौ नामों का (शतनाम) स्तोत्र
त्रिलोकी में यदि श्रीराम का कोई सबसे बड़ा भक्त या उपासक है तो वे हैं भगवान शिव जो ‘राम-नाम’ महामन्त्र का निरन्तर जप करते रहते हैं । भगवान शिव ने प्रभु श्रीराम की सौ नामों का द्वारा स्तुति की है, जिसे ‘श्रीराम शतनाम स्तोत्र’ कहते हैं । यह स्तोत्र आनन्द रामायण, पूर्वकाण्ड (६।३२-५१) में दिया गया है ।
विष्णुपदी गंगा के 108 नाम व अष्टोत्तरशतनाम स्तोत्र
गंगाजी कभी किसी से कुछ मांगती नहीं, किसी से कुछ लेती नहीं, वह तो बिना भेदभाव के केवल देती ही देती हैं । वह तो अकालमृत्युहरिणी, आरोग्यदायिनी, दीर्घायु:कारिणी, मोक्षदा, रागद्वेषविनाशिनी हैं ।