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कर्मफलदाता शनिदेव : एक परिचय

शनिदेव का रंग काला, अवस्था वृद्ध, आकृति दीर्घ, लिंग नपुंसक, वाहन गिद्ध, वार शनिवार, धातु लोहा, रत्न नीलम, उपरत्न जमुनिया या लाजावर्त, जड़ी बिछुआ, बिच्छोलमूल (हत्था जोड़ी) व समिधा शमी है ।

शनिदेव की दृष्टि में कौन-से कार्य हैं अपराध

‘जाको प्रभु दारुण दु:ख देहीं, ताकी मति पहले हरि लेहीं’ जिस व्यक्ति को शनिदेव को दण्ड देना होता है, पहले उसकी बुद्धि हर लेते हैं।