Tag: महान वैष्णव विष्णुचित्त या पेरि-आलवार
भगवान रंगनाथ की प्रेम-पुजारिन आण्डाल
जैसे ही आण्डाल ने मन्दिर में प्रवेश किया, वह भगवान की शेषशय्या पर चढ़ गयी । चारों ओर दिव्य प्रकाश फैल गया और लोगों के देखते-ही-देखते आण्डाल सबके सामने भगवान श्रीरंगनाथ में विलीन हो गयी ।