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राम तें अधिक राम का दासा : हनुमानजी
हनुमानजी यद्यपि श्रीराम के दूत और दास के रूप में प्रसिद्ध हुए पर उन्होंने श्रीराम के चरणकमलों की भक्ति से यह सिद्ध कर दिया कि दूत या सेवक का कार्य निंदनीय नहीं है; बल्कि वे सच्चे कर्मयोगी भक्त हैं । उन्होंने संसार को यह संदेश दिया कि ईश्वर की कृपा से जो कर्म करने को मिले, उसी में दक्षता प्राप्त करनी चाहिए । मनुष्य को सच्चा कर्मयोगी बनना चाहिए ।