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भगवान शिव का विभिन्न द्रव्यों से स्नान और उनका फल
भगवान शिव की पूजा ही सबसे बढ़कर है; क्योंकि मूल के सींचे जाने पर शाखा रूपी समस्त देवता स्वत: तृप्त हो जाते हैं । भगवान शिव के विधिवत् पूजन से जीवन में कभी दु:ख की अनुभूति नहीं होती है । अनिष्टकारक दुर्योगों में शिवलिंग के अभिषेक से भगवान आशुतोष की प्रसन्नता प्राप्त हो जाती है, सभी ग्रहजन्य बाधाएं शान्त हो जाती हैं, अपमृत्यु भाग जाती है और सभी प्रकार के सुखभोग प्राप्त हो जाते हैं ।
प्रदोष में शिव आराधना है महाफलदायी
प्रदोषकाल में भक्तिपूर्वक भगवान सदाशिव की पूजा करते हैं, उन्हें धन-धान्य, स्त्री-पुत्र व सुख-सौभाग्य की प्राप्ति और हर प्रकार की अभिवृद्धि होती है ।
यमराज को मिला मृत्युदण्ड
प्रबल प्रेम के पाले पड़कर शिव को नियम बदलते देखा ।
उनका मान टले टल जाये, भक्त का बाल-बांका न होते देखा ।।
जब से भगवान...
अद्भुत है शिवलिंग की उपासना
शिव की उपासना में जहां रत्नों व मणियों से बने लिंगों की पूजा में अपार वैभव देखने को मिलता है, वहीं मिट्टी से शिवलिंग बनाकर केवल, जल, चावल और बिल्वपत्र अर्पित कर देने व ‘बम-बम भोले’ कहने से ही शिव कृपा सहज ही प्राप्त हो जाती है।
गणपति के नाम, देते हैं खुशहाली का वरदान
यमराज द्वारा कहे गए श्रीगणेश के 108 नाम देते हैं यमयातना से मुक्ति
क्या भगवान शिव को अर्पित नैवेद्य ग्रहण करना चाहिए ?
सौवर्णे नवरत्नखण्ड रचिते पात्रे घृतं पायसं
भक्ष्यं पंचविधं पयोदधियुतं रम्भाफलं पानकम्।
शाकानामयुतं जलं रुचिकरं कर्पूरखण्डोज्ज्वलं
ताम्बूलं मनसा मया विरचितं भक्त्या प्रभो स्वीकुरु।। (शिवमानसपूजा)
अर्थात्—मैंने नवीन रत्नजड़ित सोने के...
क्यों करते हैं भगवान अपने भक्तों की चाकरी ?
विद्यापति के लिखे पदों को सुनने के लिए भोलेनाथ ने धरा सेवक ‘उगना’ का रूप
रोग व अकालमृत्यु-भय को मिटाने वाला महामृत्युंजय-मन्त्र
अनिष्टकारक ग्रहों की शान्ति के लिए महामृत्युंजय-मन्त्र की शरण लेने से व्यक्ति जन्म-मृत्यु, जरा, रोग और कर्म-बंधनों से मुक्त हो जाता है।
घर में स्थापित किए जाने वाला अत्यन्त शुभ नर्मदेश्वर शिवलिंग
घर में नर्मदेश्वर शिवलिंग स्थापित करते समय रखें इन बातों का ध्यान
क्यों है नर्मदा नदी का हर पत्थर शिवलिंग?
अत्यन्त पवित्र और परमात्स्वरूप नर्मदेश्वर शिवलिंग
नर्मदा नदी से निकलने वाले शिवलिंग को ‘नर्मदेश्वर’ कहते हैं। यह घर में भी स्थापित किए जाने वाला पवित्र...