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सत्कर्म करते समय क्यों दी जाती है दक्षिणा ?
सत्कर्मों का फल प्रदान करने वाली शक्ति है दक्षिणा।
सुख-दु:ख में सम रहने की अद्भुत कला सिखलाता है श्रीकृष्ण का...
गीता का समता योग बतलाता है संसार में जीने की कला
नंद घर आनन्द भयौ जय कन्हैयालाल की
जन्माष्टमी पर ‘नंद घर आनन्द भयौ जय कन्हैयालाल की’ क्यों कहा जाता है?
श्रीकृष्ण की व्रज में आनन्द बांटने की बाललीला
भगवान श्रीकृष्ण व्रज के सुख की टोकरी सिर पर लेकर ढोते हैं और व्रज की गलियों में कहते फिरते हैं--आनंद लो आनंद।
श्रावणमास में हिंडोले झूलत श्यामा-श्याम
हरियाली तीज पर श्रीराधाकृष्ण की अत्यन्त मनोहर हिंडोला लीला और उसका भाव।
मन को शान्ति देने वाला है श्रीकृष्ण नाम
अठारह पुराणों व ‘महाभारत’ की रचना भी न दे सकी वेदव्यासजी को मन की शान्ति।
भगवान ने भक्त सखूबाई के लिए स्वीकार किया बंधन
जब रुक्मिणीजी ने देखा कि सखू तो मर गई पर मेरे पति इसकी जगह बहू बने बैठे हैं और उसके परिवार की सेवा कर रहे हैं तो मैं तो बुरी तरह फंस गई!
भगवान श्रीकृष्ण की लिलहारी लीला
जब श्रीकृष्ण ने सुना कि श्रीराधा अपने रोम-रोम पर उनका नाम लिखवाना चाहती हैं, तो वे खुशी से बौरा गए। उन्हें अपनी सुध नहीं रही। वे खड़े होकर जोर-जोर से नाचने और उछलने लगे और भूल गए कि वो वृषभानुमहल में एक लालिहारण के वेश में श्रीराधा के सामने ही बैठे हैं।
भगवान विष्णु के तीन नाम, करते हैं रोगों का नाश
सभी रोगों पर समान और निश्चित रूप से कार्य करने वाली महौषधि नामत्रय-मन्त्र।