Tag: भक्ति कथाएं
जैसी वीर माता अजंना वैसे महावीर पुत्र हनुमान
माता अंजना लक्ष्मणजी के मन के भाव ताड़ गईं और बोली—‘ऐसा लगता है कि छोटे राजकुमार को मेरे दूध पर संदेह हो रहा है । मैं इन्हें अभी अपने दूध का प्रभाव दिखाती हूँ ।’ यह कह कर माता ने अपने स्तन से दूध की एक धार सामने के पर्वत पर छोड़ी । दूध की धार से वह समूचा पर्वत फट गया । यह देख कर सभी आश्चर्यचकित रह गए ।