Tag: एकनाथ
संत एकनाथ और सेवक भगवान श्रीकृष्ण
भगवान पृथ्वी, गौ, देवता और मनुष्यों की रक्षा के लिए तो अवतार ग्रहण करते हैं किन्तु भक्तों के प्रेम पर रीझ कर उनके सेवक क्यों बन जाते है ?
संत एकनाथ के घर श्राद्ध में पितरों का आगमन
नि:स्वार्थ सेवा करने का कोई फल नहीं है बल्कि मनुष्य स्वयं फलदाता हो जाता है । सच्चे वैष्णव के आगे तो देवता भी हाथ जोड़कर खड़े रहते हैं । आवाहन करने पर पितर भी स्थूल शरीर में प्रकट होकर भोजन ग्रहण कर लेते हैं ।