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श्रीराधा की जन्म-आरती, बधाई और पलना के पद
राजा वृषभानु ने श्रीराधा के झूलने के लिए चंदन की लकड़ी का पालना बनवाया जिसमें सोने-चांदी के पत्र और जवाहरात लगे थे। पालने में श्रीजी के झूलने के स्थान को नीलमणि से बने मोरों की बेलों से सजाया गया था ।
व्रज में श्रीराधा का जन्मोत्सव
व्रजराज नन्द के घर यदि श्रीकृष्ण प्रकट हुए हैं तो गोपराज वृषभानु के घर श्रीराधारानी का प्राकट्य निश्चित है क्योंकि आह्लादिनी के बिना आह्लाद आता ही नहीं है।