Tag: श्रीकृष्ण
जहां देखो वहां मौजूद कृष्ण प्यारा है
गीता के वचन ‘वासुदेव: सर्वम्’ के अनुसार यशोदाजी को श्रीकृष्ण के मुख में हुए ब्रह्माण्ड के दर्शन
व्रज में श्रीराधा का जन्मोत्सव
व्रजराज नन्द के घर यदि श्रीकृष्ण प्रकट हुए हैं तो गोपराज वृषभानु के घर श्रीराधारानी का प्राकट्य निश्चित है क्योंकि आह्लादिनी के बिना आह्लाद आता ही नहीं है।
सुख-दु:ख में सम रहने की अद्भुत कला सिखलाता है श्रीकृष्ण का...
गीता का समता योग बतलाता है संसार में जीने की कला
नंद घर आनन्द भयौ जय कन्हैयालाल की
जन्माष्टमी पर ‘नंद घर आनन्द भयौ जय कन्हैयालाल की’ क्यों कहा जाता है?
श्रीकृष्ण की व्रज में आनन्द बांटने की बाललीला
भगवान श्रीकृष्ण व्रज के सुख की टोकरी सिर पर लेकर ढोते हैं और व्रज की गलियों में कहते फिरते हैं--आनंद लो आनंद।
श्रीराधा के चरणचिह्न और उनका भाव
श्रीकृष्ण-स्वामिनी श्रीराधा ने अपने चरणकमलों में सुख देने वाले 19 चिन्हों को धारण किया है।
श्रावणमास में हिंडोले झूलत श्यामा-श्याम
हरियाली तीज पर श्रीराधाकृष्ण की अत्यन्त मनोहर हिंडोला लीला और उसका भाव।
मन को शान्ति देने वाला है श्रीकृष्ण नाम
अठारह पुराणों व ‘महाभारत’ की रचना भी न दे सकी वेदव्यासजी को मन की शान्ति।