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मन, इन्द्रिय और प्राणों में कौन है सबसे श्रेष्ठ?
शरीर में पंचप्राणों का स्थान व कार्य क्या है?
कार्तिकमास में भगवान विष्णु और वेदों का जल में निवास
कार्तिक-स्नान से सत्यभामाजी को श्रीकृष्ण की पति रूप में प्राप्ति, कार्तिकमास में भगवान विष्णु व वेदों का जल में निवास, व्रज में कार्तिक-स्नान-व्रत
परमात्मा के वांग्मय-स्वरूप वेद
वेद सृष्टिक्रम की प्रथम वाणी व साक्षात् अनन्तकोटि ब्रह्माण्डनायक भगवान के वांग्मय-स्वरूप हैं। वेद शब्दमय ईश्वरीय आदेश हैं। वेद शुद्ध ज्ञान का नाम है, जो परमात्मा से प्रकट हुआ है। जैसे माता-पिता अपनी संतान को शिक्षा देते हैं, वैसे ही जगत् के माता-पिता परमात्मा सृष्टि के आदि में मनुष्यों को वैदिक शिक्षा प्रदान करते हैं, जिससे वे भली-भांति अपनी जीवन-यात्रा पूर्ण कर सकें।