Tag: vasudeva
जहां देखो वहां मौजूद कृष्ण प्यारा है
गीता के वचन ‘वासुदेव: सर्वम्’ के अनुसार यशोदाजी को श्रीकृष्ण के मुख में हुए ब्रह्माण्ड के दर्शन
भगवान श्रीकृष्ण का अवतरण
‘हे त्रिलोकीनाथ! तू (अवतार लेकर) नीचे उतरता है, क्योंकि तेरा आनन्द हम पर ही निर्भर है। यदि हम न होते तो तुम्हें प्रेम का अनुभव कहां से होता? (तुम किसके साथ हिल-मिलकर बातें करते, खेलते, खाते-पीते?)’