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कैवल्य मुक्ति किसे कहते हैं ?
एक चीनी की गुड़िया थी । एक बार उसके मन में समुद्र को नापने की इच्छा हुई; इसलिए उसने अपने भाई-बहिनों को इकट्ठा किया और कहा कि मैं समुद्र की गहराई नापने जा रही हूँ । जब मैं नाप लेकर बाहर आऊंगी तब आप लोगों को समझाऊंगी कि समुद्र कितना गहरा है ? ऐसा कह कर वह समुद्र में कूद गई । लेकिन इसके बाद वह कभी बाहर न आ सकी और समुद्र में ही मिल गई । इसी तरह प्राणी बिन्दु है और परमात्मा सिंधु है । जब बिंदु सिंधु में समा जाए तो वह परमात्मा से एकरूप हो जाता है, उसी को कैवल्य मुक्ति कहते है ।