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भगवान श्रीकृष्ण की शकट भंजन लीला
इस कृष्ण लीला में यही रहस्य है कि नंद-यशोदा श्रीकृष्ण के पास रहते हैं तो कोई राक्षस नहीं आता है । नंदबाबा श्रीकृष्ण को छोड़कर मथुरा गये तो पूतना आई । यशोदा माता श्रीकृष्ण को बैलगाड़ी के नीचे सुलाकर गोपियों के स्वागत में लगती हैं और लाला को भूल जाती हैं तो शकटासुर आता है । कहने का अर्थ यही है कि जब-जब नंद-यशोदा श्रीकृष्ण से दूर हुए हैं, तब-तब राक्षस (विपत्ति) आए हैं ।