Tag: krishna janam
रानी तेरो चिर जियो गोपाल
नंदबाबा ब्रज के राजा हैं तो माता यशोदा ब्रज की रानी हैं । गोपियां लाला को आशीर्वाद देते हुए कहती है—
‘रानी ! तेरा गोपाल चिरंजीवी हो । ये जल्दी से बड़ा होकर सुंदर नवयुवक हो । माता ! ये तुम्हारे पुण्यों से तुम्हारी कोख से जन्मा है । ये समस्त ब्रज का जीवनप्राण है, आंख का तारा है; लेकिन शत्रुओं के हृदय का कांटा है । तमाल वृक्ष की तरह इस श्याम-वर्ण श्रीकृष्ण को देख कर मन को कितना सुख मिलता है । इसकी चरण-रज के लगाने से ही ब्रजवासियों के सारे रोग-शोक और जंजाल मिट जाएंगे ।
भगवान श्रीकृष्ण का अवतरण
‘हे त्रिलोकीनाथ! तू (अवतार लेकर) नीचे उतरता है, क्योंकि तेरा आनन्द हम पर ही निर्भर है। यदि हम न होते तो तुम्हें प्रेम का अनुभव कहां से होता? (तुम किसके साथ हिल-मिलकर बातें करते, खेलते, खाते-पीते?)’