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गौ महिमा
हरे हरे तिनकों पर अमृत-घट छलकाती गौ माता,जब-जब कृष्ण बजाते मुरली लाड़ लड़ाती गौ माता।तुम्ही धर्म हो, तुम्ही सत्य हो, पृथ्वी-सा सब...
भगवान श्रीकृष्ण की गो-सेवा
गोकुलेश गोविन्द प्रभु, त्रिभुवन के प्रतिपाल।गो-गोवर्धन-हेतु हरि, आपु बने गोपाल।।द्वापर में दुइ काज-हित, लियौ प्रभुहि अवतार।इक गो-सेवा, दूसरौ भूतल कौं उद्धार।। (श्रीराधाकृष्णजी...
प्रथम गोचारण चले कन्हाइ
माता के आनन्द का क्या कहना? जिसका सौंदर्य सारे जग को विस्मित कर दे, जो मोहन है, मनमोहन हैं, भुवन मनमोहन हैं; उनको उबटन लगाकर स्नानादि कराकर नन्दरानी ने ‘गोपाल’ बनने के योग्य सुन्दर नवीन वस्त्राभूषणों से और भी सजा दिया। कहीं नजर न लग जाए, इसलिए माथे पर काजल का डिठौना भी लगा दिया--’राइ लोन उतार जसोदा गोबिंद बल बल जाय।’