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श्रीकृष्ण के रोग की अनोखी दवा
’उपाय यह है कि कोई सती स्त्री श्रीकृष्ण के केशों से बनी इस डोर पर चलती हुई यमुनाजी के उस पार तीन बार जाए और लौट कर आए; फिर इस छिद्रयुक्त कलसी में यमुनाजल लाकर श्रीकृष्ण पर छिड़के तो उनकी चेतना वापिस आ जाएगी।’ यशोदाजी ने अपना माथा पकड़ लिया--’क्या व्रज में ऐसी कोई सती है जो ऐसा साहस कर सके!’