Tag: शिव के नाम
भगवान शिव के विभिन्न नाम और उनसे सम्बन्धित कथाएं (Part-II)
मंगलमूर्ति महादेव अद्भुत, अक्षत, अविनाशी, अप्रमेय, अजन्मा, निर्मल, मायारहित, मंगल के निकेतन हैं। भगवान शिव के अनन्त नाम और उनकी महिमा कहां तक कही जाय? अनन्त का अंत कैसे जाना जाए?
भगवान शिव के विभिन्न नाम और उनसे सम्बन्धित कथाएं (Part I)
शिव ही समस्त प्राणियों के अन्तिम विश्राम के स्थान हैं। संसार के क्लेशों, पाप-तापों से व्याकुल जीव के विश्राम के लिए भगवान सर्वसंहार करके प्रलय करते हैं। यह संहार भी भगवान की कृपा है। महाप्रलय में भगवान सबको अपने स्वरूप में लीनकर परम शान्ति प्रदान करते हैं। इसीलिए भगवान का नाम केवल ‘शिव’ ही नहीं ‘सदाशिव’ है।
अलबेले भगवान शिव और उनका अनोखा घर-संसार
जिनका ऐसा अद्भुत वेष हो और गृह पालन की सामग्री--बूढ़ा बैल, खटिये का पाया, फरसा, चर्म, भस्म, सर्प, कपाल--इतनी कम हो, तो भभूतिया बाबा शंकर के घर बड़ी मुसीबत रहती है जगज्जननी को। गृहस्वामी के पांच मुख, बच्चे गजानन और षडानन, सवारी के लिए बुड्ढा बैल, खाने के लिए भांग-धतूरा, रहने के लिए सूनी दिशाएं, खेलने के लिए श्मशान और आभूषणों के लिए फुफकारते सर्प। ऐसी स्थिति में यदि मां अन्नपूर्णा न होतीं तो भोलेबाबा की गृहस्थी चलती कैसे?