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साग विदुर घर खायो
विदुरजी बड़ी सावधानी से भगवान को केले का गूदा खिलाने लगे तो भगवान ने कहा—‘आपने केले तो मुझे बड़े प्यार से खिलाए, पर न मालूम क्यों इनमें छिलके जैसा स्वाद नहीं आया ।’ इसी से कहा गया है—‘सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।’