Tag: भगवान शिव का विभिन्न जलधाराओं से पूजन
जलधारा, पुष्पों व धान्यों से शिवपूजा का फल
भगवान शिव ने अपने कण्ठ में कालकूट विष को धारण कर रखा है। उस विषाग्नि को शान्त करने के लिए उनके मस्तक पर गंगा और चन्द्रकला दो फायरब्रिगेड का कार्य करते हैं। उसी विषाग्नि की तीव्रता को शान्त करने के लिए भगवान शिव का शीतल वस्तुओं से अभिषेक किया जाता है। जैसे--कच्चा दूध, गंगाजल, पंचामृत, गुलाबजल, इक्षुरस (गन्ने का रस), चंदन मिश्रित जल, कुश-पुष्पयुक्त जल, सुवर्ण एवं रत्नयुक्त जल (रत्नोदक) व नारियल का जल आदि।