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श्रीमद्वल्लभाचार्यजी और प्रेम का पन्थ पुष्टिमार्ग
श्रीमद्वल्लभाचार्यजी का प्रादुर्भाव भारतभूमि पर उस समय हुआ जब भारतीय संस्कृति पर चारों ओर से यवनों के आक्रमण हो रहे थे। समाज में भगवान के प्रति अनास्था, संघर्ष व अशान्ति फैली हुई थी। लोगों के जीवन में आनन्द तो दूर रहा, कहीं भी न तो सुख था और न शान्ति। ऐसे समय में साक्षात् भगवदावतार श्रीमन्महाप्रभुजी श्रीमद्वल्लभाचार्यजी ने अवतरित होकर भारतवासियों के जीवन को रसमय और आनन्दमय बना दिया।