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वायुरोगों की रामबाण औषधि हैं हनुमान-मन्त्र
पवनपुत्र होने के कारण हनुमानजी का वायु से गहरा सम्बन्ध है । इसलिए हनुमानजी की आराधना से वायुरोगों का नाश होता है ।
तुलसीदासजी ने अपनी वातपीड़ा दूर करने के लिए रचा ‘हनुमानबाहुक’
वातपीड़ा दूर करने वाला रामबाण स्तोत्र 'हनुमानबाहुक', हनुमानबाहुक' के तीन पाठ मिटा देते हैं वातरोग, तुलसीदासजी ने 'हनुमानबाहुक' के रूप में हनुमानजी के दरबार में लगाया अपना प्रार्थना-पत्र, 'हनुमानबाहुक’ रूपी मन्त्रात्मक वन्दना से तुलसीदासजी की पीड़ा हुयी दूर, 'हनुमानबाहुक' पाठ की विधि।