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भगवान श्रीराम ने लंका का सेतु क्यों भंग किया ?
लंका विजय के बहुत दिनों बाद एक बार भगवान श्रीराम को विभीषण की याद आई । उन्होंने सोचा—‘मैं विभीषण को लंका का राज्य दे आया हूँ, वह धर्मपूर्वक शासन कर भी रहा है या नहीं । राज्य के मद में कहीं वह कोई अधर्म का आचरण तो नहीं कर रहा है । मैं स्वयं लंका जाकर उसे देखूंगा और उपदेश करुंगा, जिससे उसका राज्य अनन्तकाल तक स्थायी रहे ।’