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भगवान शिव का संसार को दान
ब्रह्माजी इसलिए परेशान हैं कि जिन लोगों के मस्तक पर मैंने सुख का नाम-निशान भी नहीं लिखा था, आपके पति शिवजी अपनी परम उदारता और दानशीलता के कारण उन कंगालों को इन्द्रपद दे देते हैं, जिससे उनके लिए स्वर्ग सजाते-सजाते मेरे नाक में दम आ गया है। शिवजी ब्रह्मा का लिखा भाग्य पलटकर अनधिकारियों को स्वर्ग भेज रहे हैं। दीनता और दु:ख को कहीं भी रहने की जगह न मिलने से वे दु:खी हो रहे हैं। याचकता व्याकुल हो रही है। अर्थात् शिवजी की दानशीलता ने सभी दीनों व कंगालों को सुखी और राजा बना दिया है। शिवजी ने प्रकृति के सारे नियम ही पलट दिए हैं।