‘श्री-सूक्त’ : ऐश्वर्य और समृद्धिदायक
हे अग्निदेव! कभी नष्ट न होने वाली उन स्थिर लक्ष्मी का मेरे लिए आवाहन करें जो मुझे छोड़कर अन्यत्र नहीं जाने वाली हों, जिनके आगमन से बहुत-सा धन, उत्तम ऐश्वर्य, गौएं, दासियां, अश्व और पुत्रादि को हम प्राप्त करें। ऐश्वर्य और समृद्धि की कामना से इस 'श्री-सूक्त' के मन्त्रों का जप तथा इन मन्त्रों से हवन, पूजन अमोघ फलदायक है।
भगवान शिव के १०८ नामों का स्तोत्र : शिवाष्टोत्तरशतनाम स्तोत्रम्
शिवाष्टोत्तरशतनाम स्तोत्रम् व पाठ का फल
इन्द्र द्वारा राज्यलक्ष्मी प्राप्त करने के लिए की गयी महालक्ष्मी स्तुति
नित्य पाठ के लिए महालक्ष्मी स्तोत्र
नित्य पाठ के लिए भगवान श्रीकृष्ण का षोडशी स्तोत्र
जय जय श्रीराधारमण, मंगल करन कृपाल,
लकुट मुकुट मुरली धरन मनमोहन गोपाल ।
हे वसुदेवकुमार देवकीनंदन प्यारे,
गोकुल में नन्दलाल बाललीला विस्तारे।
मधुराष्टक : श्रीकृष्ण स्तुति में इस पृथ्वी पर लिखा गया सबसे...
मधुराष्टक की मधुरता का वर्णन कर पाना संभव नहीं है, संभवतः श्रीकृष्ण स्तुति में इस पृथ्वी पर लिखा गया यह सबसे मधुर अष्टक है।