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मानव शरीर का मालिक कौन ?

इस शरीर पर किसका अधिकार है? यह शरीर क्या पिता का है या माता का है या माता को भी पैदा करने वाले नाना या नानी का है या अपना स्वयं का है ?

श्रीगोविन्द दामोदर स्तोत्र एवं भक्त बिल्वमंगल

भगवान का नाम कितना पावन है, उसमें कितनी शान्ति, कैसी शक्ति और कितनी कामप्रदता है, यह कोई नहीं बतला सकता। अथाह की थाह कौन ले सकता है? जिसके माहात्म्य का आरम्भ बुद्धि से परे पहुंचने पर होता है, उसका वाणी से कैसे वर्णन हो सकता है?

5 Bhajan Janmashtmi pe sunne ke liye

Nand Gher Anand Bhayo(Original)- Hemant Chauhan-Shrinathji Bhajan-Nathdwara-2016

श्रीकृष्ण की पैर का अंगूठा पीने की लीला

बालकृष्ण अपने पैर के अंगूठे को पीने के पहले यह सोचते हैं कि क्या कारण है कि बड़े-बड़े ऋषि मुनि अमृतरस को छोड़कर मेरे चरणकमलों के रस का पान करते हैं। क्या यह अमृतरस से भी ज्यादा स्वादिष्ट है? इसी बात की परीक्षा करने के लिये बालकृष्ण अपने पैर के अंगूठे को पीने की लीला किया करते थे।

मैया मेरी, चन्द्र खिलौना लैहौं

श्रीकृष्ण की बालहठ लीला मैया मेरी, चन्द्र खिलौना लैहौं, धौरी को पय पान न करिहौ, बेनी सिर न गुथेहौं। मोतिन माल न धरिहौं उर पर, झंगुली कंठ...

श्रीकृष्ण के मोरपंख व गुँजामाला धारण करने का रहस्य

बर्हापीडं नटवरवपु: कर्णयो: कर्णिकारं बिभ्रद् वास: कनककपिशं वैजयन्तीं च मालाम्। रन्ध्रान् वेणोरधरसुधया पूरयन् गोपवृन्दै- र्वृन्दारण्यं स्वपदरमणं प्राविशद् गीतकीर्ति:।। प्रस्तुत श्लोक में श्रीकृष्ण की अद्भुत मोहिनी शोभा का वर्णन...

श्रीकृष्ण सर्वगुणसम्पन्न एवं सोलह कलाओं से युक्त युग पुरुष

वसुदेवसुतं देवं कंसचाणूरमर्दनम्। देवकीपरमानन्दं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्।। भगवान श्रीकृष्ण अनन्त ऐश्वर्य, अनन्त बल, अनन्त यश, अनन्त श्री, अनन्त ज्ञान और अनन्त वैराग्य की जीवन्त मूर्ति हैं।...