अलबेले भगवान शिव और उनका अनोखा घर-संसार

जिनका ऐसा अद्भुत वेष हो और गृह पालन की सामग्री–बूढ़ा बैल, खटिये का पाया, फरसा, चर्म, भस्म, सर्प, कपाल–इतनी कम हो, तो भभूतिया बाबा शंकर के घर बड़ी मुसीबत रहती है जगज्जननी को। गृहस्वामी के पांच मुख, बच्चे गजानन और षडानन, सवारी के लिए बुड्ढा बैल, खाने के लिए भांग-धतूरा, रहने के लिए सूनी दिशाएं, खेलने के लिए श्मशान और आभूषणों के लिए फुफकारते सर्प। ऐसी स्थिति में यदि मां अन्नपूर्णा न होतीं तो भोलेबाबा की गृहस्थी चलती कैसे?