श्रीराधा का गोलोकधाम से व्रज में अवतरण : कुछ अनछुए पहलू
भगवान श्रीकृष्ण ने गोपों और गोपियों को बुलाकर कहा–’गोपों और गोपियो ! तुम सब-के-सब नन्दरायजी का जो उत्कृष्ट व्रज है, वहां गोपों के घर-घर में जन्म लो। राधिके ! तुम भी वृषभानु के घर अवतार लो। वृषभानु की पत्नी का नाम कलावती है। वे सुबल की पुत्री हैं और लक्ष्मी के अंश से प्रकट हुई हैं। वास्तव में वे पितरों की मानसी कन्या हैं। पूर्वकाल में दुर्वासा के शाप से उनका व्रजमण्डल में गोप के घर में जन्म हुआ है। तुम उन्हीं कलावती की पुत्री होकर जन्म ग्रहण करो।
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