Home Tags राम नाम

Tag: राम नाम

कलियुग का खेल

जैसे द्वार की देहरी पर रखा दीपक कमरे में और कमरे के बाहर भी प्रकाश फैला देता है, वैसे ही यदि तुम अपने बाहर और भीतर प्रकाश चाहते हो तो जीभ की देहरी पर राम-नाम का मणिद्वीप रख दो ।

भगवान का सर्वश्रेष्ठ नाम कौन-सा है ?

नारदजी ने श्रीराम से कहा—‘आप अन्तर्यामी होने के कारण मेरे मन की सब बात जानते हैं, मैं आपसे एक वर मांगता हूँ ।’ मुझे ‘राम’ की भक्ति के अतिरिक्त कुछ नहीं चाहिए । वही मेरी शक्ति है, मुझे ‘राम’ नाम ही दीजिए ।’

राम हैं वैद्य और राम-नाम है रामबाण औषधि

त्रेता में केवल एक रावण था, लेकिन कलियुग में अनगिनत बीमारियां रूपी रावण हैं । उन रावणों पर विजय पाने के लिए राम की शक्ति की आवश्यकता है और वह शक्ति ‘रामनाम’ में निहित है क्योंकि त्रेता में स्वधामगमन से पहले श्रीराम ने अपनी सारी शक्तियां अपने नाम में संन्निहित कर दी थीं ।

श्रीहनुमानजी का राम-नाममय विग्रह

श्रीरामदूत हनुमानजी का विग्रह राम-नाममय है। उनके रोम-रोम में राम-नाम अंकित है। उनके वस्त्र, आभूषण, आयुध--सब राम-नाम से बने हैं। उनके भीतर-बाहर सर्वत्र आराध्य-ही-आराध्य हैं। उनका रोम-रोम श्रीराम के अनुराग से रंजित है। हनुमानजी भगवान श्रीराम से कहते हैं कि आपका नाम जप करते हुए मेरा मन कभी तृप्त नहीं होता--’त्वन्नामजपतो राम न तृप्यते मनो मम।’ राम मन्त्र की एक लाख आवृत्तियों के पुरश्चरण के बाद ही हनुमानजी सीताजी की खोज के लिए लंकापुरी गये थे और इस कार्य में उन्हें सफलता भी मिली।

‘श्रीकृष्ण’ नाम का माधुर्य एवं विभिन्न कार्यों को करते समय भगवान...

’जब कृष्ण नाम जिह्वा पर नृत्य करता है तब बहुत-सी जिह्वाएं प्राप्त करने की तृष्णा बढ़ती है, जब श्रवणेन्द्रिय (कानों) में प्रवेश करता है तो अरबों कर्ण-प्राप्ति की लालसा होती है। मन के प्रांगण में नाममाधुरी के प्रवेश करने पर शेष सब इन्द्रियां उसके वश में हो जाती हैं। न जाने, ‘कृष्ण’ इन ढाई वर्णों में कितना अमृत भरा है।’
Exit mobile version