Home Tags मुक्ति

Tag: मुक्ति

मनुष्य पर पांच प्रकार के ऋण और उनसे छूटने के उपाय

भगवान की बनाई सृष्टि का कार्य-संचालन और सभी जीवों का भरण-पोषण पांच प्रकार के जीवों के परस्पर सहयोग से संपन्न होता है । ये हैं—१. देवता, २. ऋषि, ३. पितर, ४. मनुष्य और ५. पशु-पक्षी आदि भूतप्राणी । इसी कारण शास्त्रों में प्रत्येक गृहस्थ मनुष्य पर इन पांचों का—पितृ ऋण, देव ऋण, ऋषि ऋण, भूत ऋण और मनुष्य ऋण बताया गया हैं ।

भक्तों की मुक्ति किस प्रकार की होती है ?

वैष्णव मुक्ति इसलिए स्वीकार नहीं करते; क्योंकि उन्हें भगवान की सेवा में आनंद, रस आता है । वैष्णवों को जो मुक्ति मिलती है, उसे ‘भागवती मुक्ति’ कहते हैं, जिसमें भगवान के धाम में वे अति दिव्य, अप्राकृत रूप धारण कर नित्य भगवान की सेवा करते हैं, उनकी लीलाओं में सम्मिलित होते हैं । स्वयं मुक्ति भी अपनी मुक्ति (मोक्ष) के लिए उस ब्रज की रज को जहां गोपीजन निवास करते थे, अपने मस्तक पर धारण करने के लिए लालायित रहती है ।

कौन हैं मनुष्य के कर्मों के साक्षी?

पितृलोक क्यों है प्रतीक्षालोक ?
Exit mobile version