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संकटनाश के लिए हनुमानजी की विशेष पूजा

किसी एक देवता की आराधना एक ही फल प्रदान करती है किन्तु हनुमानजी की आराधना बुद्धि,बल, कीर्ति, धीरता, निर्भीकता, आरोग्य, व वाक्यपटुता आदि सभी कुछ प्रदान कर देती है ।

शनिदेव को तेल क्यों चढ़ाया जाता है ?

हनुमानजी रामसेतु की दौड़कर प्रदक्षिणा करने लगे । इससे उनकी विशाल पूंछ, जिसमें शनिदेव बंधे हुए थे, वानर व भालुओं द्वारा रखे गये बड़े-बड़े पत्थरों से टकराने लगी । बजरंगबली बीच-बीच में अपनी पूंछ को पत्थरों पर पटक भी देते थे ।

वायुरोगों की रामबाण औषधि हैं हनुमान-मन्त्र

पवनपुत्र होने के कारण हनुमानजी का वायु से गहरा सम्बन्ध है । इसलिए हनुमानजी की आराधना से वायुरोगों का नाश होता है ।

5 Daily bhajans of Shri Hanuman

कैसा करिश्मा तूने हनुमान कर दिया की राम ने कलयुग तुम्हारे नाम कर दिया - Hanuman Bhajan By Mukesh ji https://youtu.be/mE-Dt7L7Q6Y हनुमत ढूंढ रहे किसी ने मेरा...

अत्यन्त फलदायी हैं हनुमानजी के 108 नाम

हनुमानजी के अष्टोत्तरशतनाम आज के भौतिक युग में मनुष्य के कमजोर होते हुए विश्वास को पुर्नजीवित करने में संजीवनी बूटी का काम करेंगे और विभिन्न संतापों से अशान्त मन को शान्त करने में सहायक होंगे।

हनुमानजी की पूजाविधि और सिद्ध मन्त्र

हनुमानजी को किस समय किस वस्तु का नैवेद्य लगाना चाहिए

श्रीराम के लिए हनुमानजी ने धारण किए विविध रूप

वानर होने पर भी दास्य-भक्ति के प्रताप से हनुमानजी देवता बन गए।

हनुमानजी को तत्काल प्रसन्न करने वाले उनके बारह नाम

अष्टसिद्धि-नवनिधि के दाता हनुमानजी के भय व क्लेशों से रक्षा करने वाले चमत्कारी 12 नाम

श्रीराम की सेवा के लिए शंकरजी ने लिया हनुमान का अवतार

हनुमन्नाटक के एक प्रसंग में रावण मन-ही-मन यह सोचता है कि मेरे दसों सिरों को चढ़ाने से शिवजी तो प्रसन्न हो गए, परन्तु एकादश रुद्र को मैं संतुष्ट न कर सका (हनुमानजी ग्यारहवें रुद्र के अंश माने जाते हैं); क्योंकि मेरे पास ग्यारहवां सिर था ही नहीं। इसी कारण शिवकोप से ही मेरी लंका का दहन हुआ। मैंने शिव और रुद्र में भेद किया, मेरी मति मारी गयी थी जो मैंने ऐसा किया।